लेखनी कविता - प्रेम में डूबी आँखें।।
प्रेम
प्रेम में डूबी आँखें मेरी,
दिल में जज्बातों का शोर है,
तन्हाइयों भरे अंधेरे के बाद,
एहसासों की हुई भोर है,
शीतल, मंद सुगंध और धीमी,
धीमी बहती हुई ब्यार है,
फूलों की खुशबुओं से भरी,
मेरे मन आंगन की क्यार है,
जो भी समझाऊं, दिल को,
नहीं मानने को तैयार है
बस यही रटता रहता,
हुआ मुझे पहला पहला प्यार है।।
प्रियंका वर्मा
13/12/24
Anjali korde
23-Jan-2025 06:01 AM
👌👌👌
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RISHITA
20-Jan-2025 05:37 AM
👌👌👌
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madhura
07-Jan-2025 04:44 PM
v nice
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